सर्प हमारे दुश्मन नही- Suraj
सर्प हमारे दुश्मन नही है बल्कि इसी पर्यावरण का एक अंग है । वो हमें कभी नुकसान पहुचाना नही चाहते है ना ही उनके पास इतना व्यर्थ का विष है जो हमारे अंदर प्रवाह करके बर्बाद करदे ।
पर हम इंसान खुद को उनका दुश्मन मानते है , उन्हें कोने से खोज के निकालते है और मार डालते है । कही इधर उधर स्थान बदलते भी वो दिख जाते है तो हमारी आँखों को नही जँचता और मार देते है । पर सत्य यह है कि कोई भी सर्प खुद इंसानो के आस पास नही आना चाहता है ।
कई बार सर्प काटते हैं तो विष नहीं छौडते वैसे भी सर्प अपनी विषग्रंथीयों को काबु में रखते हैं । सांपों के लिए विष निर्माण बहुत ही विशेष कार्य होता है और ये किमती भी होता है ईसलिए वो इसका प्रयोग बहुत किफायत से करते हैं वे काटते वक्त विष की मात्रा पर नियंत्रण रख सकते हैं । कई बार ज्यादा जहरीले सांप के काटने के बावजुद भी घाव में विष नहीं छोडते । सर्प का काटना कितना घातक होगा ये परिस्थिती पर निर्भर करता है सापं विष को युंही व्यर्थ नहीं करते। सोखा औझा , तंत्र मंत्र से साप काटे के ठीक होने का यही रहस्य है । कोई तंत्र विद्या नही होती सर्पदंश को ठीक करने के लिए । यह निर्भर करता है साप कितना जहरीला है और कितना जहर आपके शरीर के अंदर प्रवाहित किया है । साप काटे तो बेहतर यही है कि नजदीक के चिकित्सा अस्पताल की और तुरंत जाए बजाय किसी झाड़ फूंक के चक्कर में पड़ने के । एक बार फिर कहूंगा साप हमारें दुश्मन नही है , इसी पर्यावरण के अंग है, जिसमे हम रहतें है ।
…क्रमशः
written by- Suraj
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