काँच की दुनिया
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बचपन में हिंदी के किताब में पढ़ा था कि ये दुनिया काँच के समान है । जैसा हम इस दुनिया से व्यवहार करेंगें वही व्यवहार हम भी पायेंगें । यदि हम किसी से कटुता घृणात्मक व्यौहार करेंगे तो वो भी हमारें साथ वैसा ही व्यौहार करेगा ।
लेखक ने बाकयदा एक काँच के महल का उदाहरण भी पेश किया था । हुआ ऐसा कि एक दिन एक भटकता हुआ कुत्ता उस कांच के महल में घुस आया । अपने आस पास लगें काँच में उसे अपनी प्रतिविम्ब दिखाई दी । उसे लगा उसके आस पास बहुत ढेर सारे कुत्तें है ।इतने कुत्तें देख वो खिसिया गया और भौकने लगा । जब वो भौका तो उसके प्रतिबिम्ब भी भौकें । अब वो और खिसिया गया । काँच के दीवालों पे कूदने लगा उन कुत्तों को काटने के लिए पर वो तो प्रतिविम्ब थी । थोड़ी देर में वो बेहोश हो गया भौकते भौकते ।
उसी महल में थोड़ी देर बाद एक और कुत्ता आया । उसे भी अपने आस पास ढेर सारें कुत्तें दिखें । पर वो खिसिया नही बल्कि दुम हिलाने लगा । सभी प्रतिविम्ब ने भी वही प्रतिक्रिया दी । सब दुम हिलाने लगें । कुत्तें को ये पसन्द आया और वो उनके साथ खेलने लगा । और बाद में ख़ुशी ख़ुशी लौट गया ।
लेखक ने एक काँच के महल को उदाहरण बना कर समझें कि पूरी दुनिया को ही परिभाषित कर दिया । पर ऐसा कुछ नही हुआ । अगर दुनिया ऐसे एक महल को उदाहरण दे देने से काँच की हो जाती तो दुनिया से दुःख नाम का शब्द ही मिट जाता । लोग अच्छी प्रतिक्रिया पाने के लिए अच्छा करतें । किसी के साथ कोई बुरा नही होता ।
मै बताता हूं उसके बाद क्या हुआ होगा जब वो कुत्ता बाहर गया होगा ?
जैसे ही कुत्ता महल के दरवाजे से निकला महल के मालिक की नजर उसपे पड़ी । गुस्से में उस कुत्तें के ऊपर एक बड़ा सा पत्थर फेका । इससे कुत्ते का एक पैर फ्रेक्चर होगया । फिर भी वो भागा और वो आदमी दौड़ाता रहा । तब तक सड़क पे घूम रहे कुछ आवारा लड़को की नजर उस पे पड़ी । वो सब भी कुत्तें को दौड़ाने लगें । मालिक ने कहा कि गाँव से बाहर फेक आओ इस कुत्तें को और वो लौट गया अपने महल । आवारा लड़को की तो मौज हो गयी । ईंट पत्थर मार मार भगा आये उसे गाँव से दूर किसी और गाँव में और लौट गए ।
कुत्तें ने चैन की साँस ली और अपने घावों को चाटने लगा । तभी उसे कुछ कुत्तों के भौकने की आवाज सुनाई दी । उसने देखा कुछ कुत्तें तेजी से भौकते हुए उसकी और चलें आ रहें है । वो पहले तो डर गया पर उसे महल वाली बात याद आयी कि कैसे उसने दुम हिलाया था तो सब दुम हिलाने लगें थे । वो दुम हिलाने लगा । पर ये क्या उसके दुम हिलाने के बावजूद भी सब अभी भी उसकी ओर भौकते चलें आ रहे थे । वो कुत्ता कुछ समझ पाता उससे पहले सभी कुत्ते उस आधे ज़ख़्मी कुत्तें पर झपट पड़े । उसके मांस के चिथड़े करने लगे । वो कुत्ता चिल्लाता रहा । जान बखसने की दुहाई देता रहा । पर वो कुत्तें उसकी एक ना सुनें और उसके अंगों को नोचतें रहें । और नोचतें रहे । एक एक अंग उसके चिथड़े चिथड़े कर दिए जब तक की उसके प्राण पखेरू ना उड़ गए...
ये थी उस कुत्तें की कहानी जो हर जगह प्यार पाने के लिए सबसे प्यार करना चाहता था । उसके अगले एपिसोड में पढ़े उस कुत्तें के साथ क्या हुआ जो महल में बेहोश पड़ा था ।
©कबीरा
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बचपन में हिंदी के किताब में पढ़ा था कि ये दुनिया काँच के समान है । जैसा हम इस दुनिया से व्यवहार करेंगें वही व्यवहार हम भी पायेंगें । यदि हम किसी से कटुता घृणात्मक व्यौहार करेंगे तो वो भी हमारें साथ वैसा ही व्यौहार करेगा ।
लेखक ने बाकयदा एक काँच के महल का उदाहरण भी पेश किया था । हुआ ऐसा कि एक दिन एक भटकता हुआ कुत्ता उस कांच के महल में घुस आया । अपने आस पास लगें काँच में उसे अपनी प्रतिविम्ब दिखाई दी । उसे लगा उसके आस पास बहुत ढेर सारे कुत्तें है ।इतने कुत्तें देख वो खिसिया गया और भौकने लगा । जब वो भौका तो उसके प्रतिबिम्ब भी भौकें । अब वो और खिसिया गया । काँच के दीवालों पे कूदने लगा उन कुत्तों को काटने के लिए पर वो तो प्रतिविम्ब थी । थोड़ी देर में वो बेहोश हो गया भौकते भौकते ।
काँच की दुनिया |
उसी महल में थोड़ी देर बाद एक और कुत्ता आया । उसे भी अपने आस पास ढेर सारें कुत्तें दिखें । पर वो खिसिया नही बल्कि दुम हिलाने लगा । सभी प्रतिविम्ब ने भी वही प्रतिक्रिया दी । सब दुम हिलाने लगें । कुत्तें को ये पसन्द आया और वो उनके साथ खेलने लगा । और बाद में ख़ुशी ख़ुशी लौट गया ।
लेखक ने एक काँच के महल को उदाहरण बना कर समझें कि पूरी दुनिया को ही परिभाषित कर दिया । पर ऐसा कुछ नही हुआ । अगर दुनिया ऐसे एक महल को उदाहरण दे देने से काँच की हो जाती तो दुनिया से दुःख नाम का शब्द ही मिट जाता । लोग अच्छी प्रतिक्रिया पाने के लिए अच्छा करतें । किसी के साथ कोई बुरा नही होता ।
मै बताता हूं उसके बाद क्या हुआ होगा जब वो कुत्ता बाहर गया होगा ?
जैसे ही कुत्ता महल के दरवाजे से निकला महल के मालिक की नजर उसपे पड़ी । गुस्से में उस कुत्तें के ऊपर एक बड़ा सा पत्थर फेका । इससे कुत्ते का एक पैर फ्रेक्चर होगया । फिर भी वो भागा और वो आदमी दौड़ाता रहा । तब तक सड़क पे घूम रहे कुछ आवारा लड़को की नजर उस पे पड़ी । वो सब भी कुत्तें को दौड़ाने लगें । मालिक ने कहा कि गाँव से बाहर फेक आओ इस कुत्तें को और वो लौट गया अपने महल । आवारा लड़को की तो मौज हो गयी । ईंट पत्थर मार मार भगा आये उसे गाँव से दूर किसी और गाँव में और लौट गए ।
कुत्तें ने चैन की साँस ली और अपने घावों को चाटने लगा । तभी उसे कुछ कुत्तों के भौकने की आवाज सुनाई दी । उसने देखा कुछ कुत्तें तेजी से भौकते हुए उसकी और चलें आ रहें है । वो पहले तो डर गया पर उसे महल वाली बात याद आयी कि कैसे उसने दुम हिलाया था तो सब दुम हिलाने लगें थे । वो दुम हिलाने लगा । पर ये क्या उसके दुम हिलाने के बावजूद भी सब अभी भी उसकी ओर भौकते चलें आ रहे थे । वो कुत्ता कुछ समझ पाता उससे पहले सभी कुत्ते उस आधे ज़ख़्मी कुत्तें पर झपट पड़े । उसके मांस के चिथड़े करने लगे । वो कुत्ता चिल्लाता रहा । जान बखसने की दुहाई देता रहा । पर वो कुत्तें उसकी एक ना सुनें और उसके अंगों को नोचतें रहें । और नोचतें रहे । एक एक अंग उसके चिथड़े चिथड़े कर दिए जब तक की उसके प्राण पखेरू ना उड़ गए...
ये थी उस कुत्तें की कहानी जो हर जगह प्यार पाने के लिए सबसे प्यार करना चाहता था । उसके अगले एपिसोड में पढ़े उस कुत्तें के साथ क्या हुआ जो महल में बेहोश पड़ा था ।
©कबीरा
बहुत बढिया अभिव्यक्ति👌
ReplyDelete👌👌
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