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Tuesday 24 September 2019

Book review 'Zindagi 50-50' by Suraj jaiswal Kabira (Hindi)

Book review 'Zindagi 50-50'

जिंदगी 50-50 जैसा नाम है पूरा उपन्यास उसी के इर्द- गिर्द घूमता है। मिस्टर तालिब तूफानी जी के सजेशन पर मैंने यह किताब पढ़नी शुरू की।

एक जिंदगी के अंदर कई जिंदगियां जीनी होती है, कई टुकड़ो में बंटकर। वास्तविक जिंदगी कौन सा है हम कभी जान ही नही पातें, और जब तक समझ पाते हैं, शायद देर कर चुके होतें हैं। इस देर हो चुके भूल को सुधारने के लिए दूसरा जन्म मिलता हो या न मिलता हो, पर अगर इसी जन्म के अंदर यदि दूसरा मौका मिलता है तो हमें इसका लाभ अवश्य लेना चाहिए।
Book review 'Zindagi 50-50' by Suraj jaiswal Kabira (Hindi)


हमारी आंखों पर एक चश्मा चढ़ा होता है, जिसमे हम सिर्फ एक अपनी बनाई नजरिये से ही देख पातें हैं। हम अपनी जिंदगी के अलग अलग हिस्से को तो उस चश्में से देख सकतें है पर वह चश्मा हमें दूसरें की जिंदगी के पहलुओं को दिखाने में असमर्थ होती है। हम भूल जातें हैं कि दूसरे की जिंदगी भी कई पहलुओं। के बटी होगी, उसकी जिंदगी भी हो सकती है 50-50.

उपन्यास की कहानी आपकी जिंदगी में आयी कहानियों में सबसे अच्छी कहानियों की सूची में जगह बनाने में अवश्य सफल हो सकती है, यदि आप अनमोल भागवत जी के नजरिये से देख सके, ऐसा मेरा मानना है। इसको आप ना सिर्फ अपनी जिंदगी से बल्कि अपने आस पास दिख रहे लोगो के जिंदगी से भी जुड़ा हुआ महसूस कर सकेंगें।

यह उपन्यास आपको एक अवश्य पढ़नी चाहिए, पर धैर्य के साथ। धैर्य इसलिए क्योकि उपन्यास के शुरुआती 80 पेजेज आपके लिए उबाऊ हो सकतें हैं क्योंकि इसमें संवाद से ज्यादा किरदारों के मन में उठने वाले विचारो को महत्व दिया गया है। हो सकता है यह जरूरी भी हो पर मेरा मानना है कि जरूरत से ज्यादा किरदारो के मन के विचार डालना किसी संस्कारी फेसबुकिये के वाल पर सुविचार पढ़ने जैसा है। अंततः यही कहना चाहूंगा कि यह किताब आपको अवश्य पढ़नी चाहिए, चाहे आप किसी मिडल क्लास फैमिली से सम्बन्ध रखतें हो या किसी राजवाड़े के महलों में निवास करतें हो।

-सूरज जायसवाल 'कबीरा'

Saturday 14 September 2019

Book Review- Revolution 2020 - Chetan Bhagat by Suraj jaiswal Kabira (Hindi)


Book Review- Revolution 2020(Chetan Bhagat) by Suraj jaiswal Kabira (Hindi)


पिछले दशकों में बॉलीवुड की काल्पनिक फिल्मों ने हमे एक हैप्पी एंडिंग की आदत लगा दी है और वैसे भी इन फिल्मों की एंडिंग हैप्पी क्यो ही ना हो! कौन सा फ़िल्म निर्माता यह चाहेगा कि उसकी फ़िल्म देखने  के बाद लोग सिनेमा हॉल से मुह लटका के निकले?
पर दर्शकों और पाठकों के बीच एक बड़ा तबका भी रहता है जो यह जानता है कि हर कहानी का happy ending सम्भव नही। ये  वो तबका है जो वास्तविकता को पढ़ना और देखना पसन्द करता है।
Review Revolution 2020


ऐसे ही एक उपन्यास आयी थी 2011 में। यह चेतन भगत को पसंद करने वाले पाठकों के अलावा उन पाठकों का भी ध्यान खींचा जो वास्तविकता को पढ़ना पंसद करते है, जिन्हें अच्छी तरह पता है हर कहानी के अंत मे हीरो की लाइफ सेट नही हो जाती है।

कहानी की शुरुआत में ये दूसरी बॉलीवुड की प्रेमकहानियो की तरह प्रतीत होती है जिसमे लाज़िमी है बोरियत महसूस होगी। पर यह दूसरी प्रेम कहानियों की तरह दो प्रेमियों या दो प्रेमियों और चाँद विलेन के जैसी कहानी नही है। यह एक friendzoned हो चुके एक आशिक़ की कहानी है। इस कहानी के तीनों मुख्य किरदार परस्पर विरोधी भूमिका में रहते हुए भी आपकी पूरी सहानुभूति के हकदार होंगे।
Review रेवोल्यूशन 2020


गोपाल अपनी JEE क्लियर ना कर पाने के कारण वाराणसी छोड़ के कोटा जाता है। और वाराणसी में छोड़ जाता है अपने बीमार पिता और और अपनी 8 साल पुरानी दोस्त आरती को जो उसका एकतरफा प्यार भी है, जिसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार था।

एक आरती से दूर जाने का ग़म यू भी छोटा था तब तक जब तक कि उसे ये पता चला कि गोपाल का बचपन का दोस्त राघव 'जो IIT BHU में एडमिशन पाने में सफल हुआ था' और आरती एक दूसरे के साथ relationship स्थापित कर चुके थे।

आरती जिसको पाना गोपाल की जिंदगी का एक मात्र मक़सद था को खोने का बाद गोपाल की जिंदगी बदलने लगी थी। वो एक भरस्टाचारी विधायक के संपर्क में आता है और उसके सहारे अब एक इंजीनियर कॉलेज का डायरेक्टर और मालिक बन चुका था। वो पर्याप्त अमीर बन चुका था। अब वो अपने प्यार जो कि इसका एक मात्र मक़सद था को लगभग पा चुका था। और उसे पाने से रोक पाना अभी किसी के लिए संभव नही था, परिस्थियों भी नही। स्वयं आरती भी अब गोपाल को खोना नही चाहती थी।

पर कुछ ऐसा हुआ जिसने गोपाल की जिंदगी एक बार फिर बदल के रख दी। करप्शन के दम पर अमीर बना गोपाल ने ऐसा त्याग किया जिससे सभी प्यार करने वाले पाठकों की आंखे गीली कर सकती है यदि वो भावुक इंसान हो तो। गोपाल ने स्वयं ही अपने जिंदगी से अपनी सबसे बड़ी मक़सद को स्वयं छीन लिया। ऐसा त्याग भी उसने अपने सबसे बड़े दुश्मन जो कि उसका बचपन का दोस्त भी था के लिए किया था, और किसी को खबर भी नही।

अपना सब कुछ खोने के बाद भी गोपाल अमीर था और उसे रोकने वाला कोई नही था, फिर भी भरस्टाचारी गोपाल हीरो है कहानी का जिसकी जिंदगी से आप स्वयं की जिंदगी जरूर जोड़ के देखेंगे। 

यदि आप एक love story पढ़ना चाहते है पर थोड़ा अलग हटके, एक I love you as a friend टाइप का कुछ तो Revolution 2020 आपके लिए ही लिखा गया है। corrupted होते हुए भी गोपाल आपकी सहानुभूति का केंद्र बनेगा।

Wednesday 11 September 2019

Suraj jaiswal kabira birthday

Suraj jaiswal kabira birthday

24- 09- 1997
Day- 24
Month- september
Year- 1997

विक्रम संवत 2054
भद्रमाद मास
शुक्ल पक्ष चतुर्दशी

Treatment of stomach problems (Piles/constipation) with Yoga and Ayurveda method(Hindi) - Suraj Jaiswal Kabira

बवासीर कुछ दिन पहले बहुत से लोगो द्वारा बवासीर के इलाज के तरीके पूछा जा रहा था। मुझे कई लोगो ने वहां बोला कि इसके लिए सही योग विधि बताऊ। ...