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Saturday 16 November 2019

Treatment of stomach problems (Piles/constipation) with Yoga and Ayurveda method(Hindi) - Suraj Jaiswal Kabira

बवासीर
कुछ दिन पहले बहुत से लोगो द्वारा बवासीर के इलाज के तरीके पूछा जा रहा था। मुझे कई लोगो ने वहां बोला कि इसके लिए सही योग विधि बताऊ।
यहां मैं बवासीर के इलाज के लिए कुछ तरीके बताऊंगा जिनके प्रयोग से मैं ठीक हुआ ही हु, साथ ही कई और लोगो के सकारात्मक प्रतिक्रियाये मिली है।
मेरा चिकित्सा या मेडिकल साइंस से कोई सम्बन्ध नही पर यदि हम स्वास्थ्य शरीर चाहते है तो इसके लिए हमे अपने शरीर के प्रति जागरूक होना ही पड़ता है। इसके लिए कोई MBBS या MD जैसी बड़ी डिग्रियों की जरूरत नही। लगभग हर बड़ी छोटी बीमारियों का इलाज आप स्वयं कर सकते है यदि आप इसको समझे और योग विज्ञान की जानकारी रखते हो।
बवासीर होना मल द्वार पर सूजन हो जाने हो कहते है। आपने देखा होगा कि जब किसी के पेट मे सूजन होता है तो डॉक्टर गर्म पानी बोतल में भर कर पेट पर घुमाने को कहता है। ऐसा ही एक छोटा सा प्रयोग है जो आप करके बहुत बेहतर लाभ ले सकते है।
इस प्रयोग के लिए आप किसी बड़े मुह वाले टब लेना होगा। शायद आपके बाथरूम में होगा ऐसा कुछ जिसमे कपडे ढोये जाते होंगे। उसमे हल्का गर्म पानी भर लीजिये और नंगा होकर अपने पीछे का भाग पानी मे इस प्रकार डुबोये की मल द्वार पानी के संपर्क में आ सके। यह प्रयोग आपको शीघ्र लाभ देगा।
Treatment of stomach problems (Piles/constipation)
 with Yoga and Ayurveda method
Treatment of stomach problems (Piles/constipation)
with Yoga and Ayurveda method
दूसरा एक बहुत महत्वपूर्ण विज्ञान है acupressure point का। acupressure points से इलाज तो एकदम चमत्कारिक रूप से काम करते है। इसके लिए इस पोस्ट के साथ कुछ तश्वीरे डाल रहा, उस points को आप सुबह शाम दबाया करिये, या जब याद आये दबाते रहिये। तश्वीर में जिन जिन हिस्सो को पेन से mark किया गया है, उनको दबाते रहिये अंगूठे से। pic no 2 के लिए अपने अंगूठे से नीचे आइए। जॉइंट के नीचे जहा से कलाई मुड़ती है उसी के पास वो हिस्सा थोड़ा उठा हुआ होता है, उसको दबाना है। जो एक्यूप्रेशर के पॉइंट बताएं हैं उसमें उनको करने के बाद सबसे आखिर में हाथों की हथेलियों का बिल्कुल मध्य भाग को जरूर दबाएं l यह मध्यम पॉइंट किडनी के होते हैं और आखरी में इनका दबाया जाना जरूरी है lआपके निचले होंठो के मध्य भाग के नीचे के पूरे भाग को दबाते रहिये। ये सभी points दोनो हाथों में और सम्भव हो तो पैर में भी दबाए।


Treatment of stomach problems (Piles/constipation)
 with Yoga and Ayurveda method
तीसरी विधि योग की है। आप पेट से जुड़े आसन करिये। बवासीर की पूरी समस्या ही पेट की समस्या से शुरू होती है।
खास तौर पर मंडूकासन जरूर करे। मंडूकासन बवासीर की समस्या में बहुत लाभदायक है। ध्यान रहे योग की विधियां खाली पेट ही करे। बेहतर हो आप सुबह में ही करे बस। अपने दिनचर्या में 45 मिनट का योग के लिए समय अवश्य बना ले, फिर कोई बीमारी ही नही आएगी पास कभी। सूर्य नमस्कार अपनी सूची में शामिल करें, यह बहुत सी बीमारियो को दूर से ही bye bye कर देने की शक्ति रखता है।
चौथी एक विधि है जो कि स्वामी रामदेव जी से मैंने सुना था पर कभी किसी पे प्रयोग कराने का मौका नही मिला। स्वामी रामदेव के अनुसार इस प्रयोग से 3-7 दिन में बड़ी से बड़ी बवासीर ठीक हो जाएगी। इसके लिए आपको सुबह खाली पेट एक कप दूध में एक नींबू निचोड़ के पी जाए बस। यह प्रयोग आपको रोज करना है 3-7 दिन तक।
सबसे मुख्य बात- बवासीर की बीमारी अनुचित खान पान से होती है। कम खाये पर ऐसी चीजें खाये जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो। खाना वो सही होता है जो जिंदा हो। मरा हुआ खाना कभी भी आपमें उतनी अच्छी जीवन ऊर्जा नही दे पाएगी जितना जीवित खाना देती है। जीवित खाना अर्थात ऐसी चीजें जो मृत नही हो, अर्थात जिसे पकाया ना गया हो, जैसे भिगोया हुआ चना, फल, फूल इत्यादि।
पानी पीने की मात्रा बढ़ाये।
सुबह बिना कुल्ला किये 8 घुट पानी अवश्य पिये।
मसाला कम कर दे खाना। और बवासीर की समस्या है तो लगभग बंद ही कर दे।
अगर आप उपर्लिखित चीजो का ईमानदारी से पहल करते है तो आपकी बवासीर बिल्कुल ठीक हो जाएगी। इस बात को गांठ बांध लें कि आप अपने शरीर और मन के डॉक्टर आप स्वयं बन सकते हो। पेट की स्वास्थ्य के लिए मैं कुछ जरूरी योगाभ्यास बताऊंगा अगले पोस्ट में । तब तक आप इन प्रयोगों को करे।
(मेरे इस लेख में कोई कमी या गलती आपको नजर आये तो सुधार के लिए जरूर कमेंट करे।)
भगवान आप सबको स्वस्थ रखे।
-कबीरा

Monday 7 October 2019

Beautiful memory of my first love. A short story by Suraj Jaiswal Kabira (Hindi)

मैं कक्षा 8वी में था जब एक बहुत ही सुंदर लड़की के साथ प्रेम संबंध में था। उसकी सुंदरता की कल्पना करता हु तो उसके बाद मेरे जीवन में आये कई प्रेमिकाओं में से किसी मे वो सुंदरता नजर नही आती। सुंदरता सिर्फ शरीर का ही नही, उसके साथ रहें मेरे पवित्र सम्बन्ध में भी था। यदि आप प्रेम संबंध में शारीरिक संबंध को महत्व देते हैं तो आप हमारे इस रिश्तें को प्रेम संबंध ना कहकर सिर्फ दोस्ती ही नाम दे, क्योकि मैंने पहले ही कहा कि यह रिश्ता बहुत पवित्र था, क्योकि उस बाल्यावस्था में सिर्फ उसका साथ होना ही हृदय को पुलकित कर देता था। स्कूल में सबसे पहले पहुचना, और साथ मे दिन के सबसे खूबसूरत लम्हा व्यतीत करना, लंच टाइम में भी जहा सभी आपस में खेलने में व्यस्त रहते, हम अपनी ही दुनिया मे मस्त रहतें। हमारी कक्षायें अलग होने का कारण सिर्फ तभी मिल पाते थे जब क्लास ना लग रही हो। स्कूल में भी दोस्तो के बीच हमारी प्रेमकहानी मशहूर हो गयी थी।
Beautiful memory of my first love.
A short  story by Suraj Jaiswal Kabira (Hindi)


स्कूल समय मे रहने वाला साथी कब तक साथ रहता। जाना उसे भी था। उससे मुझे अलग हुए 8 साल से ज्यादा हो गया पर कभी भी मुझे उसके साथ ना होने का दुःख नही हुआ, ना ही कभी उसे याद करतें करतें दुःखी होकर उसके लिए कोई कविता या शायरी ही लिखी। उसके बाद आई कई  प्रेमिकाओं के साथ बितायें लम्हो को अक्सर अपनी डायरी में कविता या कहानी के रूप में उकेडता रहता हूं। मुझे उसकी याद नही आती क्योकि मैंने उसके साथ जितने भी लम्हें जीये, उसी पल में जीये। हमने कभी भी सपने नही देखे थे अपनी शादी के या किसी शायर की तरह चाँद पर घर बसाने की। हमे कभी भी उसकी जरूरत नही महसूस हुई, और ना ही कभी याद रहा कि ऐसा भी कुछ होता होगा। हमने किसी भी पल में भविष्य की कोई काल्पनिक दुनिया नही बसाई। आज मैं जिस उम्र के पड़ाव पर हु यहां मुझे महसूस होती है कि कोई साथ होता, पर कभी ऐसा नही सोच पाया कि वो साथ होती। और यदि वो होती तो शायद अभी के माहौल के अनुसार हमारा प्रेम उतना पवित्र भी नही रह पाता। हमने कभी कोई ऐसी दुनिया देखी ही नही थी जो भविष्य में हम साथ हो। जो जैसा लम्हा था उसको जीये, सौ फीसदी जिये।

ऐसा नही है कि उसको भूल चुका हूं। सम्भव ही नही जिसके साथ जीवन का सबसे खूबसूरत लम्हा गुजरा हो उसे भूल जाउ। किसी की याद में तड़पना और और किसी को याद करके उसके साथ बितायें लम्हें को हूबहू महसूस करने में बहुत दूरी का अंतर है। मुझे उसकी याद दुःख नही देती, बल्कि गर्व का अनुभव कराती है कि मैं कभी उसके जीवन का हिस्सा था। हा ये अक्सर होता है कि उसके घर के सामने से जब भी गुजरता हु मेरी बाइक की स्पीड स्वतः ही धीरे हो जाती है, और मेरी आँखें उसके छत के बालकनी पर केंद्रित हो जाती है, हालांकि मुझे यह भी पता होता है कि अब वो वहां नही रहती। और कभी मायका घूमने आयी होगी और दिख गयी तो भी उसके माथे पर चमकता हुआ सिंदूर भी होगा, और हो सकता है गोद मे एक उसके जैसे ही सुंदर सी कोई परी या कान्हा होगा, जिसके साथ वो बहुत ही सुंदर और आनंदमयी जिंदगी जी रही होगी।

Tuesday 24 September 2019

Book review 'Zindagi 50-50' by Suraj jaiswal Kabira (Hindi)

Book review 'Zindagi 50-50'

जिंदगी 50-50 जैसा नाम है पूरा उपन्यास उसी के इर्द- गिर्द घूमता है। मिस्टर तालिब तूफानी जी के सजेशन पर मैंने यह किताब पढ़नी शुरू की।

एक जिंदगी के अंदर कई जिंदगियां जीनी होती है, कई टुकड़ो में बंटकर। वास्तविक जिंदगी कौन सा है हम कभी जान ही नही पातें, और जब तक समझ पाते हैं, शायद देर कर चुके होतें हैं। इस देर हो चुके भूल को सुधारने के लिए दूसरा जन्म मिलता हो या न मिलता हो, पर अगर इसी जन्म के अंदर यदि दूसरा मौका मिलता है तो हमें इसका लाभ अवश्य लेना चाहिए।
Book review 'Zindagi 50-50' by Suraj jaiswal Kabira (Hindi)


हमारी आंखों पर एक चश्मा चढ़ा होता है, जिसमे हम सिर्फ एक अपनी बनाई नजरिये से ही देख पातें हैं। हम अपनी जिंदगी के अलग अलग हिस्से को तो उस चश्में से देख सकतें है पर वह चश्मा हमें दूसरें की जिंदगी के पहलुओं को दिखाने में असमर्थ होती है। हम भूल जातें हैं कि दूसरे की जिंदगी भी कई पहलुओं। के बटी होगी, उसकी जिंदगी भी हो सकती है 50-50.

उपन्यास की कहानी आपकी जिंदगी में आयी कहानियों में सबसे अच्छी कहानियों की सूची में जगह बनाने में अवश्य सफल हो सकती है, यदि आप अनमोल भागवत जी के नजरिये से देख सके, ऐसा मेरा मानना है। इसको आप ना सिर्फ अपनी जिंदगी से बल्कि अपने आस पास दिख रहे लोगो के जिंदगी से भी जुड़ा हुआ महसूस कर सकेंगें।

यह उपन्यास आपको एक अवश्य पढ़नी चाहिए, पर धैर्य के साथ। धैर्य इसलिए क्योकि उपन्यास के शुरुआती 80 पेजेज आपके लिए उबाऊ हो सकतें हैं क्योंकि इसमें संवाद से ज्यादा किरदारों के मन में उठने वाले विचारो को महत्व दिया गया है। हो सकता है यह जरूरी भी हो पर मेरा मानना है कि जरूरत से ज्यादा किरदारो के मन के विचार डालना किसी संस्कारी फेसबुकिये के वाल पर सुविचार पढ़ने जैसा है। अंततः यही कहना चाहूंगा कि यह किताब आपको अवश्य पढ़नी चाहिए, चाहे आप किसी मिडल क्लास फैमिली से सम्बन्ध रखतें हो या किसी राजवाड़े के महलों में निवास करतें हो।

-सूरज जायसवाल 'कबीरा'

Saturday 14 September 2019

Book Review- Revolution 2020 - Chetan Bhagat by Suraj jaiswal Kabira (Hindi)


Book Review- Revolution 2020(Chetan Bhagat) by Suraj jaiswal Kabira (Hindi)


पिछले दशकों में बॉलीवुड की काल्पनिक फिल्मों ने हमे एक हैप्पी एंडिंग की आदत लगा दी है और वैसे भी इन फिल्मों की एंडिंग हैप्पी क्यो ही ना हो! कौन सा फ़िल्म निर्माता यह चाहेगा कि उसकी फ़िल्म देखने  के बाद लोग सिनेमा हॉल से मुह लटका के निकले?
पर दर्शकों और पाठकों के बीच एक बड़ा तबका भी रहता है जो यह जानता है कि हर कहानी का happy ending सम्भव नही। ये  वो तबका है जो वास्तविकता को पढ़ना और देखना पसन्द करता है।
Review Revolution 2020


ऐसे ही एक उपन्यास आयी थी 2011 में। यह चेतन भगत को पसंद करने वाले पाठकों के अलावा उन पाठकों का भी ध्यान खींचा जो वास्तविकता को पढ़ना पंसद करते है, जिन्हें अच्छी तरह पता है हर कहानी के अंत मे हीरो की लाइफ सेट नही हो जाती है।

कहानी की शुरुआत में ये दूसरी बॉलीवुड की प्रेमकहानियो की तरह प्रतीत होती है जिसमे लाज़िमी है बोरियत महसूस होगी। पर यह दूसरी प्रेम कहानियों की तरह दो प्रेमियों या दो प्रेमियों और चाँद विलेन के जैसी कहानी नही है। यह एक friendzoned हो चुके एक आशिक़ की कहानी है। इस कहानी के तीनों मुख्य किरदार परस्पर विरोधी भूमिका में रहते हुए भी आपकी पूरी सहानुभूति के हकदार होंगे।
Review रेवोल्यूशन 2020


गोपाल अपनी JEE क्लियर ना कर पाने के कारण वाराणसी छोड़ के कोटा जाता है। और वाराणसी में छोड़ जाता है अपने बीमार पिता और और अपनी 8 साल पुरानी दोस्त आरती को जो उसका एकतरफा प्यार भी है, जिसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार था।

एक आरती से दूर जाने का ग़म यू भी छोटा था तब तक जब तक कि उसे ये पता चला कि गोपाल का बचपन का दोस्त राघव 'जो IIT BHU में एडमिशन पाने में सफल हुआ था' और आरती एक दूसरे के साथ relationship स्थापित कर चुके थे।

आरती जिसको पाना गोपाल की जिंदगी का एक मात्र मक़सद था को खोने का बाद गोपाल की जिंदगी बदलने लगी थी। वो एक भरस्टाचारी विधायक के संपर्क में आता है और उसके सहारे अब एक इंजीनियर कॉलेज का डायरेक्टर और मालिक बन चुका था। वो पर्याप्त अमीर बन चुका था। अब वो अपने प्यार जो कि इसका एक मात्र मक़सद था को लगभग पा चुका था। और उसे पाने से रोक पाना अभी किसी के लिए संभव नही था, परिस्थियों भी नही। स्वयं आरती भी अब गोपाल को खोना नही चाहती थी।

पर कुछ ऐसा हुआ जिसने गोपाल की जिंदगी एक बार फिर बदल के रख दी। करप्शन के दम पर अमीर बना गोपाल ने ऐसा त्याग किया जिससे सभी प्यार करने वाले पाठकों की आंखे गीली कर सकती है यदि वो भावुक इंसान हो तो। गोपाल ने स्वयं ही अपने जिंदगी से अपनी सबसे बड़ी मक़सद को स्वयं छीन लिया। ऐसा त्याग भी उसने अपने सबसे बड़े दुश्मन जो कि उसका बचपन का दोस्त भी था के लिए किया था, और किसी को खबर भी नही।

अपना सब कुछ खोने के बाद भी गोपाल अमीर था और उसे रोकने वाला कोई नही था, फिर भी भरस्टाचारी गोपाल हीरो है कहानी का जिसकी जिंदगी से आप स्वयं की जिंदगी जरूर जोड़ के देखेंगे। 

यदि आप एक love story पढ़ना चाहते है पर थोड़ा अलग हटके, एक I love you as a friend टाइप का कुछ तो Revolution 2020 आपके लिए ही लिखा गया है। corrupted होते हुए भी गोपाल आपकी सहानुभूति का केंद्र बनेगा।

Treatment of stomach problems (Piles/constipation) with Yoga and Ayurveda method(Hindi) - Suraj Jaiswal Kabira

बवासीर कुछ दिन पहले बहुत से लोगो द्वारा बवासीर के इलाज के तरीके पूछा जा रहा था। मुझे कई लोगो ने वहां बोला कि इसके लिए सही योग विधि बताऊ। ...