आज राजीव दीक्षित जी का जन्म दिन एवं पुण्यतिथि भी है। मेरे मित्रता सूची में बहुत से राजीव दीक्षित के समर्थक है, कभी मैं भी हुआ करता था, पर तब मेरा बचपना था।
rajiv dixit by purple duniya |
राजीव दीक्षित जी के व्याख्यान कड़ी तपस्या अर्थात रिसर्च पर आधारित होती है, ऐसा उनके समर्थक कहते हैं। मैं भी कहता था क्योकि सुनने में बहुत अच्छा लगता था, पर जब उनके व्याख्यानों को प्रायोगिक स्तर पर समझने के प्रयास करने लगा तो लगा कि उनके ज्यादातर व्याख्यान आधे अधूरे रिसर्च और भावनाओ में बह के बोले गए होते हैं।
मैं ऐसे ही नही कह रहा, एक उदाहरण भी दे रहा हु। अगर आप उनके समर्थक रहे है तो आपने उनका सर्पदंश वाला व्याख्यान जरूर सुना होगा, जिसमे वो दावा करतें है कि 'Naja-200' नाम के होमियोपैथीक दवाई से किसी भी साँप के काटें का इलाज हो सकता है। हालांकि इस व्याख्यान में वो और भी बहुत कुछ कोरी बातें करते पर उन सब पे आज बात नही करेंगे हम।
अगर आप पता करने की कोशिश करें तो शायद आपको एक भी इंसान ना मिले जो इस दवाई से सर्पदंश को झेल पाया हो। हा अगर कोई होगा भी तो बिल्कुल उसी सिद्धांत पे बचा होगा जिस पर ढोंगी सोखा/तांत्रिक इत्यादि बचाने का दावा करते हैं। इस दवा के भरोशे किसी की जान तो नही बची पर राजीव दीक्षित पर भरोसा करके बहुत लोगो ने अपनी जानें दे दी होगी। तो अगली बार Naja-200 वाला कोई पोस्ट शेयर करने से बचिए।
मैं राजीव दीक्षित जी का किसी भी तरह से विरोधी नही हु, पर किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास करना आपको आपके जिंदगी से भी दूर कर सकता है। मैं उनके स्वदेशी आंदोलन का आज भी समर्थक हु। कबीरा का नमन है उनको।